नायलॉन मांजा पर हाईकोर्ट सख्त: बिक्री करें तो 2.5 लाख, और उपयोग किये तो 50 हजार जुर्माना..

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प्रतिनिधि।27 दिसंबर
गोंदिया। दिन-प्रतिदिन नायलॉन मांजों के उपयोग से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नागपुर उच्च न्यायालय की माननीय पीठ ने सख्त कदम उठाते हुए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।

न्यायालय ने 24 दिसंबर, 2025 को आदेश पारित किया है कि नायलॉन मांजों के उपयोगकर्ताओं और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से पहले उन्हें न्यायालय के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाना चाहिए।

अदालत ने गौर किया कि 2021 से नायलॉन की रस्सी पर प्रतिबंध के बावजूद, इसका व्यापक उपयोग जारी है। हर साल, कई नागरिक नायलॉन की रस्सी (मांजे) से घायल होते हैं और कुछ अपनी जान गंवा बैठते हैं। इस गंभीर समस्या का मुख्य कारण प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए नायलॉन मांजे का निरंतर उपयोग और बिक्री है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में अदालत के आदेशों की जानकारी होने के बावजूद आम जनता नियमों का उल्लंघन कर रही है।

इस पृष्ठभूमि में, माननीय उच्च न्यायालय ने प्रस्तावित आगे की कार्रवाई के संबंध में सार्वजनिक सूचना जारी करने का निर्देश दिया है। तदनुसार –

यदि कोई नाबालिग लड़का या लड़की नायलॉन मांजे से पतंग उड़ाते हुए पाया जाता है, तो उनके माता-पिता को माननीय न्यायालय में 50,000 रुपये जमा करने का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए?

यदि कोई वयस्क व्यक्ति नायलॉन की डोरी से पतंग उड़ाते हुए पाया जाता है, तो उस व्यक्ति को माननीय न्यायालय में 50,000 रुपये जमा करने का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए?

जिस विक्रेता के पास बेचने के उद्देश्य से नायलॉन मांजा का स्टॉक पाया गया और जिसका स्टॉक जब्त कर लिया गया, उसे प्रत्येक उल्लंघन के लिए माननीय न्यायालय में 2,50,000 रुपये जमा करने का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए?

इस मामले में एसएमपीआईएल संख्या 1/2021 के तहत अगली सुनवाई माननीय उच्च न्यायालय, नागपुर बेंच में 5 जनवरी, 2026 को निर्धारित की गई है। यदि पक्षकार प्रस्तावित कार्रवाई के विरुद्ध अभ्यावेदन दाखिल करना चाहते हैं, तो उनसे अनुरोध है कि वे उस दिन न्यायालय में उपस्थित होकर अपने विचार प्रस्तुत करें।

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित तिथि पर कोई भी उपस्थित नहीं होता है या बयान प्रस्तुत नहीं करता है, तो यह मान लिया जाएगा कि आम जनता को नायलॉन मांजा के उपयोगकर्ताओं और विक्रेताओं से उपरोक्त राशि की वसूली पर कोई आपत्ति नहीं है।

उच्च न्यायालय के आदेशानुसार, यह जन सूचना 27 दिसंबर 2025 को भंडारा जिले के सभी प्रमुख स्थानीय समाचार पत्रों के पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की जानी चाहिए, जैसा कि माननीय उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है। इसकी लिखित सूचना गोंदिया के जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई है।

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